By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)
भाइयों! यदि कोर्इ व्यक्ति आपसे कहे कि बाजार में एक दुकान ऐसी हैं, जिसका कोर्इ दुकानदार नही हैं, न कोर्इ उसमें माल लानेवाला हैं न बेचनेवाला और न कोर्इ उसकी...
By: मुंशी प्रेमचंद
समता के विषय में इस्लाम ने अन्य सभी सभ्यताओं को बहुत पीछे छोड़ दिया है।...
By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)
‘इस्लाम में मानव-अधिकार’’के विषय पर मुझे आप से कुछ अर्ज करना है, लेकिन इस से पहले...