Article(लेख)

रोज़ों का आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक महत्व

By: मुहम्मद ज़ैनुल आबिदीन मंसूरी

रोज़ा इस्लाम के पाँच मूल-स्तंभों में से एक है। जो इसकी अनिवार्यता को नकार दे, वह इस्लाम से स्वतः निष्कासित हो जाता है। भोर से संध्या तक.....

Read More
जुल्म की वजह

By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)

भाइयों! यहॉ केवल अधिकार ही का प्रश्न नही हैं। यह प्रश्न भी है कि र्इश्वर के इस ऐश्वर्य में क्या कोर्इ मनुष्य बादशाही करने या कानून बनाने या हुक्म चलाने के...

Read More
मानवता का मुक्तिदाता: इंग्लैण्ड के विश्व विख्यात दार्शनिक और विद्वान मिस्टर बर्नार्डशॉ

इंग्लैण्ड के विश्व विख्यात दार्शनिक और विद्वान मिस्टर बर्नार्डशॉ ने जनवरी 1933 र्इ0 में भारत आगमन के अवसर पर ‘लाइट’ लाहौर के प्रतिनिधि से पैगम्बरे-इस्लाम...

Read More

क़ुरआन के अनुवाद

सोशल मीडिया