By: इमामुद्दीन रामनगरी: मधुर सन्देश संगम
‘‘ हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) का व्यक्ति दया और शौर्य दोनो का सम्मिश्रण हैं। वे वर्षो तक अकेले अपने देशवासियों की शत्रुता का सामना करते रहे। मुहम्मद (सल्ल0)...
कुछ लोग, इस बात पर सवाल उठाते हैं कि इस्लाम, मर्द को तो कई पत्नियाँ रखने की छूट देता है जबकि, यह अधिकार औरतों को नहीं देता।
सबसे पहले.....
जानवरों को ज़बह करने के इस्लामी तरीके़ पर, जिसे ‘ज़बीहा’ कहा जाता है, बहुत से लोगों ने आपत्ति की है। इस संबंध में.....