By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)
भाइयों! यदि कोर्इ व्यक्ति आपसे कहे कि बाजार में एक दुकान ऐसी हैं, जिसका कोर्इ दुकानदार नही हैं, न कोर्इ उसमें माल लानेवाला हैं न बेचनेवाला और न कोर्इ उसकी...
By: मुहम्मद जैनुल-आबिदीन मंसूरी
जीव-हत्या और इस्लाम
सृष्टि और स्रष्टा में संबंध सामान्य नियम हैं कि किसी समग्र (Totality) में से उसके किसी ‘अंश’ (Part) को अलग करके उसे ठीक से और पूरी तरह...
जानवरों को ज़बह करने के इस्लामी तरीके़ पर, जिसे ‘ज़बीहा’ कहा जाता है, बहुत से लोगों ने आपत्ति की है। इस संबंध में.....