अरबी भाषा में 'इलाह' का अर्थ है इबादत के योग्य, अर्थात् वह सत्ता जो अपनी महिमा, तेज और उच्चता की दृष्टि से इस योग्य हो कि उसकी पूजा की जाए और.....
By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)
पैग़म्बरी की सत्यता को समझने और उसपर विचार करने से आपको स्वयं मालूम हो जाएगा कि पैग़म्बर प्रतिदिन पैदा नहीं होते, न यह आवश्यक है कि..
By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रहo)
भाइयों! यदि कोर्इ व्यक्ति आपसे कहे कि बाजार में एक दुकान ऐसी हैं, जिसका कोर्इ दुकानदार नही.....