By: सैयद अबुल आला मौदूदी
मरने के बाद कोर्इ दूसरी जिन्दगी हैं या नहीं? और हैं तो कैसी है।? यह सवाल हकीकत में हमारे इल्म की पहुच से दूर हैं। इसलिए कि हमारी पास वे ऑखें नहीं जिनसे हम...
By: इस्लाम और मानव समाज :सैयद मुहम्मद इकबाल
इस्लाम सारी मानवता के लिए अल्लाह की ओर से भेजी गर्इ जीवन व्यवस्था है। इसी के साथ-साथ भी एक तथ्य है कि हर युग मे इसको मानने और न मानने वाले अर्थात मुस्लिम और...
By: इस्लाम एक स्वयं सिद्ध र्इश्वरीय जीवन व्यवस्था:राजेन्द्र नारायण लाल
मुसलमानों के मुर्दा दफन करने को अवैज्ञानिक कहा जाता हैं, किन्तु मुर्दे को जलाने से दफनाना अधिक वैज्ञानिक तथा बुद्धिसंगत हैं। र्इसार्इ, मुसलमान और...