By: डा0 मकसूद आलम सिद्दीक
प्रलय
जिस प्रकार इस लोक मे प्रत्येक वस्तु का एक अंत हैं, उसी प्रकार इस वर्तमान जगत् का भी एक अंत हैं। इस संसार के इस अंत और इस महा विनाश को प्रलय कहा...
By: मुहम्मद जैनुल-आबिदीन मंसूरी
ऐ लोगो, बन्दगी इख्तियार करो अपने उस रब की जो तुम्हारा, और...
By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)
औरत की अस्मत और इज्ज्ात कर हाल मे आदर के योग्य हैं, चाहे औरत अपनी कौम की हो, या दुश्मन कौम की...