By: मुहम्मद ज़ैनुल आबिदीन मंसूरी
रोज़ा इस्लाम के पाँच मूल-स्तंभों में से एक है। जो इसकी अनिवार्यता को नकार दे, वह इस्लाम से स्वतः निष्कासित हो जाता है। भोर से संध्या तक.....
By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)
भाइयों! यदि कोर्इ व्यक्ति आपसे कहे कि बाजार में एक दुकान ऐसी हैं, जिसका कोर्इ दुकानदार नही हैं, न कोर्इ उसमें माल लानेवाला हैं न बेचनेवाला और न कोर्इ उसकी...