By: मुंशी प्रेमचंद
इस्लाम की बुनियाद न्याय पर रखी गई है। वहाँ राजा और रंक.....
By: सैयद अबुल आला मौदूदी
मरने के बाद कोर्इ दूसरी जिन्दगी हैं या नहीं? और हैं तो कैसी है।? यह सवाल हकीकत में हमारे इल्म की पहुच से दूर हैं। इसलिए कि हमारी पास वे ऑखें नहीं जिनसे हम...
By: मुहम्मद जैनुल-आबिदीन मंसूरी
इस्लाम की विशिष्टता इस संबंध मे यह हैं कि वह अन्य समाजों के विपरीत, मांसाहार के विषय मे एक निश्चित आचार संहिता (Code of conduct) अपने अनुयायियों को प्रदान करता हैं...