By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)
औरत की अस्मत और इज्ज्ात कर हाल मे आदर के योग्य हैं, चाहे औरत अपनी कौम की हो, या दुश्मन कौम की...
By: मुहम्मद जैनुलआबिदीन मंसूरी
र्इसा मसीह (अलै0) र्इश्वरीय दूत थे.........र्इश्वरीय दूत के सिवा और कुछ न थे। न तो उनमें दैवी गुण थे, न ही उनकी माता मरयम मे। वे दोनो र्इश्वर के दूसरे प्राणियों...
By: इस्लाम धर्म: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)
ईमान का अर्थ जानना और मानना हैं। जो व्यक्ति र्इश्वर के एक होने को और उसके.....