By: मुहम्मद जैनुल-आबिदीन मंसूरी
जीव-हत्या और इस्लाम
सृष्टि और स्रष्टा में संबंध सामान्य नियम हैं कि किसी समग्र (Totality) में से उसके किसी ‘अंश’ (Part) को अलग करके उसे ठीक से और पूरी तरह...
By: सैयद अबुल आला मौदूदी
मरने के बाद कोर्इ दूसरी जिन्दगी हैं या नहीं? और हैं तो कैसी है।? यह सवाल हकीकत में हमारे इल्म की पहुच से दूर हैं। इसलिए कि हमारी पास वे ऑखें नहीं जिनसे हम...
बहु-विवाह का अर्थ हैं ऐसी व्यवस्था जिसके अनुसार व्यक्ति की एक से अधिक पत्नी अथवा पति हों...