By: डा0 मकसूद आलम सिद्दीक
प्रलय
जिस प्रकार इस लोक मे प्रत्येक वस्तु का एक अंत हैं, उसी प्रकार इस वर्तमान जगत् का भी एक अंत हैं। इस संसार के इस अंत और इस महा विनाश को प्रलय कहा...
By: इमामुद्दीन रामनगरी: मधुर सन्देश संगम
‘‘ हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) का व्यक्ति दया और शौर्य दोनो का सम्मिश्रण हैं। वे वर्षो तक अकेले अपने देशवासियों की शत्रुता का सामना करते रहे। मुहम्मद (सल्ल0)...
कुछ गै़र-मुस्लिम भाइयों की यह आम शिकायत है कि संसार भर में इस्लाम के माननेवालों की संख्या लाखों में नही होती, यदि इस धर्म को बलपूर्वक नहीं फैलाया गया...