By: सैयद अबुल आला मौदूदी (रह0)
पैग़म्बरी की सत्यता को समझने और उसपर विचार करने से आपको स्वयं मालूम हो जाएगा कि पैग़म्बर प्रतिदिन पैदा नहीं होते, न यह आवश्यक है कि..
इस्लाम में औरतों की जो स्थिति हैं, उसपर सेक्यूलर मीडिया का ज़बरदस्त हमला होता हैं...
इन्सानों के अन्दर सच्चाई, शिष्टाचार और लज्जा आदि गुण पैदा करने और उनकी शिक्षा देने के लिए...